बीकानेर। गोचर ओरण संरक्षक संघ, राजस्थान की बैठक आनंद निकेतन मोहता भवन (रत्न बिहारी हनुमानजी मंदिर के सामने) साधु-संतों की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
इस बैठक में साधु-संतों के अतिरिक्त 188 गांवों की गोचर समितियों, गोशालाओं, गोसेवकों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने मास्टर प्लान 2043 में गौचर, ओरण, जोड़ पायतान इत्यादि को बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा आवासीय कॉलोनी, गार्डन, क्लब हाउस, सरकारी प्रयोजनों के लिए रखने का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन धरना, जुलूस एवं बीकानेर बंद आदि के बारे में रणनीति तय की गई।
सम्पूर्ण आन्दोलन, विरोधों एवं धरना, जुलूस सहित कार्यक्रमों के लिए वरिष्ठ गोचर कार्यकर्ता शिव गहलोत (किशमिदेसर) को संयोजक नियुक्त करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
कार्यक्रम में आंदोलन के संयोजक शिव गहलोत ने कहा कि राजा-महाराजाओं के समय से दानदाताओं एवं समाज सेवकों द्वारा पशुओं के चरने के लिए छोड़ी गई गौचर भूमि को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा नष्ट करने के कार्य को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। बीकानेर प्रशासन द्वारा गोचर भूमि पर आवासीय, सरकारी प्रयोजन के लिए उपयोग करने के कार्य से बीकानेर की जनता की धार्मिक व सांस्कृतिक भावना को ठेस पहुँचाई गई है, जिससे पूरे जिले में आक्रोश व्याप्त है। जिला प्रशासन ने जनता में असंतोष व कानूनी व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए माहौल खड़ा कर दिया है, जिसके लिए जिला कलेक्टर व बीकानेर विकास प्राधिकरण स्वयं जिम्मेदार हैं। गहलोत ने कहा कि गौचर भूमि को बचाने के लिए बीकानेर की पूरी जनता तैयार है। जनता अपने स्तर पर आन्दोलन करेगी। बीकानेर प्रशासन ने अपने गैरकानूनी कृत्यों से राज्य सरकार की राजनैतिक गाय के मुद्दे पर चोट की है। सभी ने एकमत से निर्णय लिया कि मास्टर प्लान में सभी 188 गांवों की गोचर, ओरण, जोड पायतान भूमि को मास्टर प्लान में डालकर बीकानेर विकास प्राधिकरण द्वारा कॉलोनाइजेशन करने के विरोध में 19 सितंबर को जिला कलेक्टर एवं बीकानेर विकास प्राधिकरण के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
शरह नथानियां गोचर से मनोज कुमार सेवग ने बताया कि दिनांक 14 से बीकानेर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं जिला कलेक्टर बीकानेर सहित प्रशासनिक अधिकारी, गोचर, ओरण, जोड पायतान को मास्टर प्लान में सम्मिलित करने वालों सभी अधिकारियों को सस्पेंड कर बिकानेर से बाहर भेजने हेतु 1 लाख लोगों से हस्ताक्षर अभियान पूरे जिले में चलाया जाएगा। गंगाशहर गोचर संघ के बंशीलाल तंवर ने कहा बीकानेर जिला कलेक्टर के निर्देश पर शरह नथानियां, गंगाशहर, भीनासर और उदयरामसर सहित सभी 188 गांवों की गोचर, ओरण, जोड पायतान भूमि को बीकानेर विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज कर “गैरमुमकिन गोचर” की जगह “आबादी” दर्ज करने के गैरकानूनी कार्य के विरोध में तथा बिना कारण ऐसा करने वाले उपखंड अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया।
उदयरामसर के सरपंच प्रतिनिधि हेमंत यादव ने कहा कि सभी सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर गौचर भूमि को बचाने के लिए 19 तारीख को लगभग 3–4 घंटे चलने वाले प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जन-जन में अभियान चलाया जाएगा। सूरजप्रकाश राव ने बताया कि 14 सितंबर से जिले के सभी विधायकों व सांसद से मिलकर सरकार से गोचर बचाने के लिए ज्ञापन दिया जाएगा।
प्रत्येक मोहल्ले एवं नुक्कड़ों पर नुक्कड़ नाटक व छोटी-छोटी सभाएं कर आम जनता में गोचर भूमि संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गोचर-ओरण संरक्षक संघ राजस्थान के सूरजमाल सिंह नीमराना ने कहा की14 से 18 तक प्रत्येक मोहल्ले में महिला समूह द्वारा महिलाओं एवं बच्चों को अधिक से अधिक संख्या में 19 तारीख को होने वाले जुलूस में भाग लेने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
संत सुखदेव व श्यामसुंदर महाराज ने गाय-गोचर के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। अंत में भीनासर गोचर संरक्षण समिति के अध्यक्ष कैलाश सोलंकी ने आए हुए गणमान्यजन को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पर्यावरणविद सीताराम कचछावा, भारतीय किसान संघ के भवानीशंकर जाजड़ा, विश्व हिंदू परिषद के विजय कोचर, विप्र फाउंडेशन के भंवर पुरोहित, विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार प्रमुख हरिकिशन व्यास, गोशाला संघ के प्रेम गोदारा, महेंद्र किराडू, पन्नालाल सियाग, युवा राजपूत मिशन के महिपाल सिंह पुंदलसर, गोचर ओरण संरक्षण संघ के निर्मल बरडिया, मिलन गहलोत, योग शिक्षक कन्हैयालाल बरड़वा, पप्पू वैद, प्रकाश पारीक, धनपत मारू, धर्मेंद्र सारस्वत,यशवेंद्र चौधरी, चतरसिंह राजपुरोहित, महेंद्र जोशी, सुभाष तंवर, महेंद्र पड़िहार, हितेश भाटी, नरसिंहदास मिमानी, पार्षद अनुप गहलोत, सत्यनारायण राठी, कन्हैयालाल राठी, पन्नालाल सुथार, मुकेश जोशी, डॉ मोनासरदार डूडी व राजकुमार राजपुरोहित आदि उपस्थित रहे।
सभा में सबने एक स्वर में जीवन की अंतिम सांस तक गोचर बचाने के लिए सभी ने संकल्प लिया है।

























