

बीकानेर। साल 2023 में चार ग्रहण का अंतिम ग्रहण चंद्र ग्रहण शनिवार को होगा। 2023 में दोनों सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं हुआ तो वहीं दोनों चंद्र ग्रहण का असर भारत में देखने को मिल रहा है। पहला चंद्र ग्रहण जहां 5 मई को था वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण शनिवार को होगा।
इस माह का दूसरा ग्रहण
इस साल का आखिरी अंतिम चंद्र ग्रहण शनिवार को है। यह भी एक संयोग है कि अक्टूबर माह का यह दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण था लेकिन उसका असर भारत में नहीं था। वहीं चंद्र ग्रहण का पूरा असर भारत में देखने को मिल रहा है। पंडित राजेंद्र किराडू ने sacchibaat.in को बताया कि चंद्रग्रहण का अवधिकाल मध्य रात्रि होगा। ग्रहण का 28 अक्टूबर की रात्रि को रात्रि एक बजकर पांच 5 मिनट पर होगा और दो बजकर 22 मिनट बजकर 39 सेकेंड पर इसका मोक्ष होगा। चंद्रग्रहण की एक घंटा 17 मिनट 21 सेकेंड अवधिकाल का होगा। किराडू ने कहा कि शनिवार को ग्रहण का सूतक दोपहर चार बजकर 5 मिनट से शुरू होगा ।
खीर का भोग ग्रहण काल के बाद
शरद पूर्णिमा के दिन मंदिरों में लगने वाला खीर का भोग का प्रसाद इस साल ठाकुर जी के भोग नहीं लग पाएगा। किराडू कहते हैं कि ग्रहण के मोक्ष के बाद ही यह भोग लगा सकता है लेकिन चंद्र ग्रहण रात्रि में है। इसलिए यह संभव प्रति नहीं होता। ग्रहण के सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे जो अगले दिन भोर में ही खुलेंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका, हिन्द महासागर और सम्पूर्ण भारत में खंड ग्रास रूप में दिखाई देगा।
अलग अलग राशियों में प्रभाव
किराडू ने बताया कि ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में घटित होने इससे जुड़े जातकों के लिए यह ज्यादा शुभफल प्रतीत नहीं होता। वहीं वृषभ, कन्या, मकर लिए भी कुछ इसी तरह का फल है। वहीं सिंह, तुला धनु मीन राशि जातकों के लिए सामान्य मध्य फलदायी है। जबकि मिथुन, कर्क, वृश्चिक कुंभ राशि के जातकों के लिए शुभ सुखद फलदायी है।
इन बातों का करें अनुसरण
हिंदू धर्म शास्त्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि ग्रहण के दिन गंगा कुरुक्षेत्र आदि पुण्य तीर्थों पर स्नान दान का विशेष महत्व धर्म शास्त्र मे बतलाया है। चन्द्र ग्रहण में सफेद चंदन, सुगन्धि युक्त पदार्थ चांदी,वस्त्र,अन्नदान गौदान घी दान स्वर्ण, नमक दान और सफेद वस्तु चावल, चीनी वस्त्र आदि दान करना चाहिए। वहीं ग्रहण के प्रभाव काल के चलते काली वस्तुओं, ज्वार, पीत रक्त वस्त्र तांबा आदि पदार्थो में तेजी देखने को मिल सकती है।