

बीकानेर। धर्मनगरी छोटी काशी में रविवार से पद्मविभूषित तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज श्रीरामकथा का वाचन करेंगे। 19 नवम्बर से 27 नवम्बर को रामझरोखा कैलाशधाम आश्रम, श्रीसियाराम नगर गंगाशहर भीनासर गोचर भूमि सुजानदेसर में 108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्री सरजूदासजी महाराज ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की ध्वजा आगे बढ़े, लोगों में संस्कारों के भाव जगे और संत-महात्माओं के चरण बीकानेर में पड़े इसी उद्देश्य से यह दिव्य आयोजन किया जा रहा है। बीकानेर ही नहीं, विश्व में पहली बार श्रीरामचरित मानस महायज्ञ होने जा रहा है। श्रीरामचरित मानस के पाठ तो हर बार होते हैं, लेकिन 108 कुंडीय यज्ञ के साथ श्रीरामचरित मानस महायज्ञ होने जा रहा है। राम नाम मंत्र से आहुतियां दी जाएगी और विश्व कल्याण की भावना से पूरा आयोजन किया जा रहा है।
शनिवार को कलश यात्रा, संतों का नगर भ्रमण
महाराज ने बताया कि शनिवार को सुबह कलश यात्रा निकाली जाएगी और हजारों महिलाएं एक वेशभूषा में कलश लिए चलेंगी। इस दौरान नगर भ्रमण में हजारों संतों का आगमन होगा जिसमें लगभग 200 से अधिक पूजनीय दुर्लभ-दर्शनीय, त्यागी, तपस्वी, संत, सभी अखाड़ों से महामण्डलेश्वर, धर्माचार्य एवं नागा महात्यागी संत शामिल होंगे। संत नगर भ्रमण यात्रा में संतों ऊंट, घोड़ा, बग्गी, रथ के साथ संतों को नगर भ्रमण होगा। इस दौरान महंत भगवानदासजी महाराज, महंत रामेश्वरदासजी महाराज, महंत विष्णुदासजी महाराज, आयोजन संयोजक अशोक मोदी, सचिव श्रीभगवान अग्रवाल ने कार्यक्रम संबंधी पोस्टर का विमोचन किया।
यज्ञ में बैठने वाले जोड़े तय
10 दिवसीय इस आयोजन में यज्ञाचार्य पं. जुगलकिशोर ओझा के आचार्यत्व में यज्ञ, पूजन अनुष्ठान सम्पन्न होंगे। 108 कुंडीय महायज्ञ के लिए 130 गुणा 130 फुट की यज्ञशाला में 429 जोड़ों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
राजनीतिक नहीं सनातन धर्म का है आयोजन
महाराज ने कहा कि यह आयोजन राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक चेतना के लिए है। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल से इसको जोड़ने का प्रयास नहीं होना चाहिए। आयोजन दो वर्ष पहले ही तय हो गया था। खास बात यह है कि इस भव्य आयोजन में किसी भी राजनैतिक पार्टी के प्रत्याशी को मंच पर नहीं आने दिया जाएगा। श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि सनातन के प्रति सच्चा भाव रखने वाला श्रद्धालु ही इस आयोजन का कार्यकर्ता, सेवादार और आयोजक है।