

बीकानेर। बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा ने सिद्धिकुमारी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया और इसके बाद नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका का पार्टी आलकमान से टिकट बदलने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर पार्टी की किसी भी बड़े नेता के सामने अपनी बात रखने या नाराजगी बताने की बजाय रांका और उनके समर्थकों ने सड़क पर आकर अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया ताकि पार्टी वाला आलाकमान तक इसकी बात पहुंचे और उनको भी सुना जाए। हालांकि टिकट वितरण के बाद नैसर्गिक रूप से कई जगह दावेदारों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया है लेकिन भाजपा की ओर से पहली सूची जारी होने के बाद उपजे विरोध के स्वर के बावजूद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने संकेत दिए थे कि एकबार छूटा हुआ तीर वापिस नहीं लौटता। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सिद्धिकुमारी को लेकर पार्टी के भीतर परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है। दूसरी ओर अब महावीर रांका भी फ्रंट फुट पर आकर खेलने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को उनके द्वारा किया गया शक्ति प्रदर्शन कुछ ऐसी ही कोशिश थी जिसमें वह अपने स्तर पर कामयाब भी हुए। हालांकि पैदल मार्च में जुटी भीड़ को लेकर भी भाजपा और कांग्रेस में भी चर्चा देखने को मिली।
कांग्रेस में जाएंगे या निर्दलीय लडेंगे!
टिकट घोषित होने के बाद महावीर रांका के कार्यालय के बाहर जिस तरह से भीड़ जुटी और टिकट वितरण को लेकर समर्थकों ने नाराजगी जताई उसके बाद इस बात के भी प्रयास और चर्चाएं शुरू हो गई थी कि शायद अब महावीर रांका कांग्रेस से बीकानेर पूर्व से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन खुद महावीर रांका ने अभी तक इसको लेकर कोई भी बात नहीं की है। इतना ही नहीं खुद रांका भी लगातार पार्टी आलाकमान से टिकट पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि रांका की अभी तक किसी भी कांग्रेसी नेता से कोई बातचीत नहीं हुई है। इसलिए जब तक ऐसा कुछ हो न जाए तब तक ऐसा कयास लगाए जाते रहेंगे। वही पैदल मार्च की शक्ति प्रदर्शन के बाद अब कई समर्थक सोशल मीडिया पर भी रांका को चुनाव मैदान में उतरने की सलाह दे रहा है।
पार्टी के रुख पर ही रणनीति
पार्टी आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहे महावीर रांका और उनके समर्थक अब पार्टी के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और माना जा रहा है कि उसके बाद ही रांका अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। इन सब के बीच इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि रांका चुनाव लड़ लें। लेकिन तब तक सबको रांका के रुख का इंतजार है।