

महेश भादानी. बीकानेर। भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब राजस्थान में सत्ता के पॉवर सेंटर का पता बदल गया है। साल 1998 में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ अशोक गहलोत राजस्थान में सत्ता का नया केंद्र बने और इसके बाद भाजपा सरकार बनने के बाद वसुंधरा राजे राजस्थान में सत्ता का केंद्र बनी। इसके बाद लगातार कांग्रेस और भाजपा की सरकार भले ही बदली हो लेकिन सत्ता का केंद्र ये दोनों नेता ही रहे। केंद्र में इस दौरान कांग्रेस और भाजपा की सरकार में राजस्थान से कई नेता मंत्री बने लेकिन बावजूद इसके इन दोनों नेताओं के मुकाबले राजस्थान में सत्ता का दूसरा पॉवर सेंटर कोई दूसरा नेता नहीं बन पाया। यही कारण रहा कि कांग्रेस की सरकार जब सत्ता में आई तो अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे रहे और भाजपा में वसुंधरा राजे इस दौर में सबसे आगे मानी जाती रही। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा में नई लीडरशिप के लिए जिस तरह से तीन राज्यों में नया प्रयोग किया और उसी के फलस्वरुप राजस्थान में पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने। अपने आप में यह एक सीधा संदेश सत्ता के पावर सेंटर को बदलने जैसा ही रहा।
अब भजनलाल सबसे बड़े नेता
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही राजस्थान में अब भजनलाल शर्मा राजस्थान के सबसे बड़ी नेता यानी की पॉवर सेंटर हो गए हैं। ऐसे में साफ है कि आने वाले 5 सालों में भजनलाल शर्मा राजस्थान को चलाएंगे और राजस्थान में अब भजन राज होगा।
बीत गया राजे और गहलोत का युग!
भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह एक साफ संदेश है कि राजस्थान की राजनीति में अब वसुंधरा राजे का युग भाजपा में बीत चुका है। वही तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत आने वाले 5 सालों के बाद कांग्रेस के चेहरा होंगे इस पर भी संशय है। ऐसे में यदि यह मान लिया जाए कि वर्तमान परिस्थितियों में राजस्थान की राजनीति में अब राजे और गहलोत का युग राजनीतिक लिहाज से बीत गया है तो गलत नहीं होगा।
अब वसुंधरा को क्या मिलेगा
दरअसल वसुंधरा राजे अब पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ भाजपा में केवल एक विधायक है। ऐसे में अब आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को भाजपा चुनाव लड़ा सकती है और उसके बाद केंद्र की राजनीति में वसुंधरा राजे को शामिल किया जा सकता है। राजस्थान की राजनीति में अब वसुंधरा राजे की कद के लिए कोई भी पद नहीं है। साथ ही वसुंधरा राजे को एडजस्ट किया जाना भाजपा के लिए भी जरूरी है और राजस्थान में राजे की लोकप्रियता को खुद मोदी और शाह भी मानते हैं ऐसे में अब सब की नजरे आने वाले लोकसभा चुनाव पर है।