

अविनाश व्यास. बीकानेर। प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर लगा पर्दा मंगलवार को हट जाएगा। माना जा रहा है कि अगले 48 घंटे में नए मुख्यमंत्री की शपथ भी हो जाएगी। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसको लेकर लगातार पिछले 10 दिन से भाजपा में कवायद चल रही है। मुख्यमंत्री का चेहरा तय होने के साथ ही मंत्रियों के नामों पर भी चर्चाओं का दौर शुरू होगा। लेकिन इतना तय है कि नई सरकार में बीकानेर जिले का प्रतिनिधित्व जरूर होगा। हालांकि पिछली कांग्रेस सरकार में बीकानेर जिले से तीन मंत्री और आयोग बोर्ड के चार अध्यक्ष थे। हालांकि पिछली सरकार जितना प्रतिनिधित्व नई सरकार में बीकानेर का होगा, इसको लेकर संशय है। लेकिन माना जा रहा है कि सात में से 6 सीट भाजपा को मिलने के बाद अब बीकानेर जिले को उचित प्रतिनिधित्व जरूर मिलेगा। चर्चा इस बात की भी है कि जिले से दो या इससे ज्यादा विधायकों को मंत्रीमंडल में भागीदारी दी जा सकती है। आइए डालते हैं नजर जिले के विधायकों के मंत्री बनने की संभावना पर।
सिद्धिकुमारी
बीकानेर के पूर्व राज परिवार से ताल्लुक रखने वाली और लगातार चौथी बार जीत हासिल करने वाली सिद्धि कुमारी का दावा भी इस बार मंत्रिमंडल के लिए मजबूत है। राजपूत समाज कोटे से मंत्री बनने की स्थिति में सिद्धि को शामिल किया जा सकता है। महिला कोटे को प्रतिनिधित्व देने के लिहाज से भी सिद्धिकुमारी को मंत्री बनाकर भाजपा महिला कोटे को प्रतिनिधित्व देने का संदेश दे सकती है।
जेठानंद व्यास
संघनिष्ठ जेठानंद व्यास को भाजपा ने पहली बार टिकट दिया और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को हराकर उन्होंने सबको चौंका दिया। संघ लॉबी का वीटो होने की स्थिति में जेठानंद व्यास को मंत्री बनाया जा सकता है। कट्टर हिंदूवादी चेहरे के रूप में जेठानंद व्यास की पहचान है और आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी इस छवि को भुना सकती है।
ताराचंद सारस्वत
जिले के सबसे उम्रदराज विधायक के रूप में पहली बार ताराचंद सारस्वत ने श्रीडूंगरगढ़ से जीत हासिल की है। पूर्व देहात अध्यक्ष के रूप में संगठन की जिम्मेदारी संभाल चुके ताराचंद ने त्रिकोणीय मुकाबले में CPM और कांग्रेस दोनों को पटकनी दी है और उनके संघ लॉबी से संबंध होने के चलते ही स्थानीय स्तर पर पार्टी नेताओं के विरोध के बावजूद भी वे टिकट लाने में सफल रहे और जीत हासिल की।
सुमित गोदारा
कड़े मुकाबले में लगातार दूसरी बार जीते सुमित गोदारा पिछली कांग्रेस सरकार में लगातार सरकार को घेरते रहे। जाट समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए लिहाज से सुमित गोदारा का नंबर भी मंत्रिमंडल में लग सकता है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल की नजदीकी होने का फायदा भी सुमित गोदारा को मिलने की संभावना है।
डॉ विश्वनाथ
जिले से मंत्री बनने के लिए सबसे मजबूत दावा खाजूवाला से विधायक डॉ विश्वनाथ का माना जा रहा है। दलित वर्ग में एक संदेश देने के लिए पार्टी इस बार उन्हें मंत्री बन सकती है। तीसरी बार खाजूवाला से जीते डॉ विश्वनाथ ने कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे गोविंद राम मेघवाल को बड़े अंतर से हराया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ ही संगठन के नेताओं से उनकी नजदीकी का लाभ उन्हें मिल सकता है। पेशे से चिकित्सक रहे डॉ विश्वनाथ पूर्व में संसदीय सचिव रह चुके हैं ऐसे में मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए जिले में उनका दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है।
अंशुमान सिंह
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रहे भंवर सिंह भाटी को हराने वाले अंशुमान सिंह ने जिले में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। प्रदेश के सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में अंशुमान सिंह भाटी की जीत की चर्चा जयपुर तक है। अपने दादा और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के साथ अंशुमान सिंह भाटी जयपुर में लगातार सक्रिय हैं और पार्टी के बड़ी नेताओं से भी उनको मुलाकात हुई है। पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की खुद की लॉबिंग ही अंशुमान सिंह के मंत्री बनने की एक मजबूत कड़ी है। इस तरह से पार्टी में युवाओं को भविष्य के लिहाज से आगे लाने का काम प्रधानमंत्री कर रहे हैं उसे मायने में अंशुमान सिंह भाटी का दावा भी मजबूत देखा जा रहा है।