बीकानेर। विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया। मतदाता का रुझान किसके पक्ष में और किसके विपक्ष में है इसका फैसला 3 दिसंबर को गिनती के बाद होगा। लेकिन शहर के पाटों, चाय की होटल और पान की दुकान से लेकर हर चौक चौराहे पर दो लोगों की मुलाकात का सबसे पहला सवाल एक ही है। क्या लागे है। बस दूसरे के जवाब के साथ ही शुरू हो जाती है चर्चा और अपने अपने दावे और जीत हार के फार्मूले।
घूम रहा आंकड़ा
वैसे तो बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीट हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा नोखा और बीकानेर पश्चिम को लेकर है। अलग-अलग दलों के समर्थकों के अपने अपने दावे हैं। एक पार्टी के नेता एक स्वर में एक आंकड़े से जीत का अंतर बताते हैं तो दूसरी पार्टी के नेता हर हाल में अपनी जीत का दावा करते हैं और इन दावों में बूथ और क्षेत्र वाइज और वोटिंग प्रतिशत से लेकर दोनों पार्टियों को मिलने वाले वोटो का प्रतिशत भी सुना जा सकता है।
तेरे क्षेत्र में क्या रहा
सरकारी महकमों में भी सोमवार को कुछ ऐसा ही हल नजर आया जहां साज मौसम में चाय की चुस्कियों के बीच केवल चुनाव परिणाम को लेकर अपने-अपने आकलन और दावों को लेकर चर्चा देखी गई। एक दूसरे के क्षेत्र से वोटिंग और रुझान को लेकर भी लोगों के बीच जानकारी को लेकर उत्सुकता देखी गई और सवाल जवाब के दौर में दूसरे के क्षेत्र में किसका रुझान और क्या रहा इसको लेकर भी सवाल और आकलन होते नजर आए।
सवामणि और गोठ की भी घोषणा
अलबेला मस्ती बड़ा शहर खानपान के लिए भी प्रसिद्ध है और यहां खान-पान और गोठ के लिए केवल अवसर की तलाश रहती है और चुनाव भी ऐसा ही एक बड़ा अवसर है। कई लोगों ने अपने पसंदीदा प्रत्याशी की जीत को लेकर सवामणि की घोषणा की तो कहीं हार जीत को लेकर गोठ की शर्त भी लगती नजर आई।

























