बचत हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। आदिकाल से मनुष्य के साथ- प्रकृति में मौजूद सभी प्रकार के पशु-पक्षी भी बचत करने की प्रवृत्ति रखते हैं। जिस प्रकार घोंसला बनाने वाले सभी पक्षी, भविष्य के खतरे को भांपकर भोजन-पानी की व्यवस्था पहले से ही करके बचत करने की सीख देते हैं। जैसा कि हम सभी जानते है कि सभी प्राणियों में मनुष्य के पास ही विवेक होता है, जो बचत को सही निवेश में परिवर्तित कर सकता है।
अंतर समझना जरूरी
किसी प्रकार से योजना बनाने से पहले बचत और निवेश के अंतर को समझना भी जरूरी है। यदि हम निवेश को परिभाषित करे तो हम यह कह सकते है कि “निवेश, भविष्य में होने वाले खर्चों का प्रबंधन है”। आज के दौर की बात करें तो बचत का सबसे बड़ा दुश्मन महंगाई होती है, जो धीरे धीरे आपके द्वारा की गई बचत की क्रय शक्ति को कमजोर करती है। उचित निवेश के माध्यम से ही हम महँगाई से लड़ते हुए अपने वित्तीय लक्ष्यो को प्राप्त कर सकते है। बचत और निवेश के अंतर को समझने के लिए हम आज के युग में प्रचलित योजनाओं को दो हिस्सों में बांट सकते है।
रिटर्न की चाह पर निर्भर
निवेश करते समय हमें ध्यान रखना होगा कि हमें भविष्य में मिलने वाला पैसा गारंटीड या तात्कालिक समय के आधार पर चाहिए। Guaranteed Scheme में एक तय Interest Rate से पैसे को निवेश किया जाता है, वहीं Non- Guaranteed Scheme में किसी भी प्रकार का Interest fixed नहीं होता है। बोलचाल की भाषा में हम सभी प्रकार की Guaranteed Scheme को बचत योजना का नाम देते है जैसे-
- Fixed Deposit
- MIS
- RD
- PPF
- सुकन्या समृद्धि योजना।
वहीं Non-Guaranteed Scheme में हम ‘निवेश’ शब्द का प्रयोग करते हैं जहाँ हमें तात्कालिक बाजार की स्थिति के आधार पर रिटर्न मिलता है। इस श्रेणी में निम्नलिखित निवेश को शामिल किया जाता है-
- Shares/Equity
- Mutual fund
- Gold
- Land
- Oil
- Matel
महंगाई दर के आसपास रिटर्न
जहां आज के समय में गारंटीड स्कीम प्रचलित महंगाई दर के आस- पास ही Return देती है वहीं नॉन Guaranteed Scheme लम्बी अवधि में मंहगाई को पछाड़ते हुए उससे ज्यादा रिटर्न बना कर देती है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि हमें हमारा सारा पैसा Non- Guaranteed Scheme में लगा देना चाहिए अपितु हमें यह देखना चाहिए कि हम अपने निवेश को कितना समय देना चाह रहे है। सामान्यत: छोटी अवधि ( 1 से 3 साल) के लिए हम किसी बचत योजना में निवेश कर सकते है, परन्तु यही निवेश लम्बी अवधि के लिए हो तो निश्चित तौर पर नॉन Guaranteed Scheme में निवेश करना चाहिए ताकि हम महंगाई को हराकर अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति कर सके। यदि आप गौर से देखे तो निवेश की सभी योजना आपसे लम्बी अवधि तक निवेशित रहने की मांग करती है चाहे फिर वो Land, Gold, Shares, Mutual fund, Equity scheme इत्यादि क्यूं न हो। इन सभी में निवेशकों ने लम्बी अवधि में अच्छे रिटर्न बनाएं हैं।
लेखक: वित्त विशेषज्ञ आर. पारीक
यह विचार लेखक के हैं किसी भी प्रकार का निवेश करते समय अपने विवेक का उपयोग करें।

























