

बीकानेर। वैदिक ज्योतिष में राहु को एक मायावी ग्रह कहा गया है। इसके पास कोई राशि नहीं है बल्कि राहु जिस भाव में बैठता है या जिस ग्रह के साथ बैठता है उसी के हिसाब से अपना फल प्रकट करता है। राहु एक राशि में 18 महीने रहते हैं। साल 2025 इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल राहु अपनी राशि बदलने वाले हैं। राहु इस समय मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। राहु हमेशा वक्री चाल चलते हैं इसलिए वो 18 मई को कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और 18 महीने तक इस राशि में गोचर करेंगे। उनके इस राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर व्यापक रूप से प्रभाव पड़ने वाला है। ज्योतिर्विद पंडित कपिल जोशी के अनुसार निम्न राशि पर राहु के इस गोचर का प्रभाव निम्न होगा
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके एकादश भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की इच्छा पूर्ति का विचार किया जाता है। मित्र से मिलने वाला फायदा भी इसी भाव से देखा जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके तृतीय ,पंचम और सप्तम भाव पर होगी। मेष राशि के जातकों के लिए राहु का यह गोचर बहुत ही अच्छा रहने वाला है। आपकी योजनाएं पूरी होगी। आपको यात्राओं से फायदा होगा। शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा होगा। इसके अलावा आप अपने मित्र के साथ साझेदारी में कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। हालांकि आपको अत्यधिक खर्चे से स्वयं को बचाना होगा।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब दसवें भाव से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के कार्य क्षेत्र और उन्नति का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके तृतीय, चतुर्थ और छठे भाव पर रहेगी। राहु के इस गोचर का वृषभ राशि के जातकों पर अच्छा प्रभाव होगा। कार्य क्षेत्र में उन्नति होगी। तरक्की प्राप्त होगी। पैतृक संपत्ति से फायदा होगा। विदेश में जाकर संपत्ति खरीद सकते हैं। कोई पुरानी बीमारी ठीक हो सकती है। शत्रु परास्त होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर भाग्य स्थान में यानी की 9वें भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य और धर्म का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके प्रथम भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर होगी। राहु के इस गोचर के कारण आपको भाग्य का साथ मिलेगा। हालांकि संतान पक्ष से आपको थोड़ी कठिनाई हो सकती है। आपको अपनी संगत का भी ख्याल रखना होगा। पिता के साथ मतभेद ना हो इस प्रकार का प्रयास अवश्य करें। बुरी संगत में ना पड़े। हालांकि विदेशी संबंधों से यह राहु आपको फायदा दे सकता है। यात्राएं होंगी।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब अष्टम भाव से होगा। जीवन में जो भी अचानक से घटना घटित होती है उसका विचार अष्टम भाव से ही किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके द्वादश भाव, द्वितीय भाव और चौथे भाव पर होगी। कर्क राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर कुछ नकारात्मक परिणाम दे सकता है। आपके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है। धन का व्यय होगा। पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। कोई बीमारी आपके शरीर में पैदा हो सकती है। मानसिक सेहत का ख्याल रखना होगा, मां की संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब सप्तम भाव से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के विवाह और साझेदारी का विचार किया जाता है। राहु की दृष्टि आपके 11वें भाव, प्रथम भाव और तृतीय भाव पर होगी। सप्तम भाव में राहु का गोचर मिला-जुला प्रभाव देगा। वैवाहिक जीवन में कठिनाई आ सकती है। व्यापार का विस्तार हो सकता है और आपके मित्र आपकी मदद कर सकते हैं। भाई बहनों के साथ संपत्ति को लेकर कोई विवाद था तो वह सुलझ सकता है। कम्युनिकेशन के फील्ड में काम कर रहे लोगों को अच्छा फायदा होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर छठे भाव में होगा। इस भाव से व्यक्ति के रोग ऋण और शत्रु का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके दसवें भाव, द्वादश भाव और द्वितीय भाव पर होगी। आपके लिए राहु का गोचर बहुत अच्छा रहेगा। नौकरी में तरक्की होगी। शत्रु परास्त होंगे। विदेशी संबंधों से फायदा होगा। कार्य क्षेत्र में सम्मान प्राप्त हो सकता है। पिता का व्यापार करते हैं तो अच्छी तरक्की दिखाई देगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर पंचम भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की शिक्षा , बुद्धि और संतान का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके नवम भाव, 11वें भाव और प्रथम भाव पर होगी। राहु के गोचर के कारण संतान पक्ष से मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थी वर्ग को अध्ययन में बाधा आएगी। पिता के साथ मतभेद होंगे। शेयर मार्केट से फायदा होगा। आपके मित्र आपकी मदद करने वाले होंगे। अपनी पत्नी के साथ कोई नया व्यापार शुरू कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर चौथे भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की मानसिक शक्ति और मां का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके अष्टम भाव, दशम भाव और द्वादश भाव पर होगी। आपके लिए राहु का गोचर कुछ मानसिक तकलीफ लेकर के आ सकता है। संपत्ति को लेकर धन खर्च हो सकता है। चोट लग सकती है। गाड़ी सावधानी से चलाएं। कार्यक्षेत्र में बहुत सावधानी से कार्य करना होगा। गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। आर्थिक स्थिति को लेकर सावधान रहना होगा
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर तीसरे भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की यात्राएं, कम्युनिकेशन, साहस और पराक्रम का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके सप्तम, नवम और 11वें भाव पर होगी। आपके लिए राहु का गोचर अच्छा रहेगा। यात्राओं से फायदा होगा। साझेदारी में कोई काम शुरू हो सकता है। धार्मिक क्रियाकलापों में रुचि बढ़ेगी। मित्रों के माध्यम से व्यापार में वृद्धि होगी। पैतृक संपत्ति को लेकर भी सफलता प्राप्त हो सकती है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर द्वितीय भाव से होगा। इस भाव से व्यक्ति की वाणी, कुटुंब और संचित धन का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके छठे , अष्टम और दशम भाव पर होगी। आपके लिए राहु का गोचर मिले जुले परिणाम देगा। आपकी वाणी कठोर हो सकती है। रिश्ते बिगड़ सकते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ तालमेल बनाएं। पत्नी के साथ मतभेद उभर सकते हैं। बड़ी नौकरी प्राप्त हो सकती है। सरकारी नौकरी कर रहे जातकों के लिए राहु अच्छा करेगा।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब उनके लग्न से ही हो रहा है। इस भाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि आपके पंचम, सप्तम और नवम भाव पर होगी। आपके लिए राहु लग्न में ही विराजमान होकर आपको अति उत्साही बना सकता है। सोच विचार कर ही कार्य करें। आपकी महत्वाकांक्षा बढ़ सकती है। जीवन में किसी नए प्रेमी का आगमन हो सकता है। आपका नया व्यवसाय शुरू हो सकता है। आप अपने पिता के साथ सलाह मशवरा करके ही कोई नया काम शुरू करें तो बेहतर रहेगा।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर अब बारहवे भाव से होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के एकांत , अध्यात्म और विदेश यात्राओं को देखा जाता है। इस भाव में विराजमान राहु की दृष्टि चतुर्थ भाव, छठे भाव और अष्टम भाव पर होगी। आपके लिए राहु खर्च बढ़ाने वाला हो सकता है। धन के मामले में सावधानी रखनी होगी। कुछ मानसिक कष्ट की अनुभूति हो सकती है। संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। पेट की कोई बीमारी हो सकती है। ससुराल पक्ष के साथ आर्थिक लेनदेन नहीं करें और व्यसन छोड़ें। शराब और मांस का सेवन अशुभ कारक हो सकता है।